1 Solved Question with Answers
-
2024
प्रश्न 4. भारत में स्वास्थ्य एवं पोषण की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये मोटे अनाजों की भूमिका को समझाइये। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिये)
हल करने का दृष्टिकोण:
- मोटे अनाजों के महत्त्व को बताते हुए परिचय लिखिये।
- स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर चर्चा कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
मोटे अनाज शुष्कता प्रतिरोधी "पोषक-अनाज" हैं, जिसमें 7-12% प्रोटीन की मात्रा होती है इसके भूपृष्ठ में बेहतर अमीनो अम्ल परिच्छेदिका होती है। इन्हें प्रायः सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि ये किफायती और पौष्टिक दोनों होते हैं।
- इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष के रूप में घोषित किया है।
मुख्य भाग:
स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में मोटे अनाजों की भूमिका:
- ग्लूटेन-मुक्त विकल्प: मोटे अनाज स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है साथ ही फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जो इसे ग्लूटेन असहिष्णु या सीलियेक रोग वाले व्यक्तियों के लिये आदर्श बनाता है।
- लाइफस्टाइल संबंधी रोगों को कम करना: डाइट फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और मैग्नीशियम तथा आयरन जैसे खनिजों से भरपूर मोटे अनाज मधुमेह, मोटापा आदि जैसी लाइफस्टाइल संबंधी रोगों को रोकने में सहायक हैं।
- प्रतिरक्षा में वृद्धि: प्रचुर मात्रा में विटामिन-B और जिंक तथा सेलेनियम जैसे खनिजों के साथ, बाजरा प्रतिरक्षा कार्य में सहायता करता है, विशेष रूप से मोती बाजरा (बाज़रा) , जो अपनी उच्च जिंक सामग्री के लिये जाना जाता है।
पोषण सुरक्षा में मोटे अनाज की भूमिका:
- अदृश्य भूख से निपटना: मोटे अनाज सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी से संघर्ष करता है; 15-49 वर्ष की आयु की लगभग 30% भारतीय महिलाएँ आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से पीड़ित हैं (WHO)।
- पोषण सुरक्षा: मोटे अनाज प्रकाश के प्रति गैर-संवेदनशील, जलवायु-प्रतिरोधी और जल-कुशल "पोषक-अनाज" हैं जो पोषण का एक समृद्ध स्रोत प्रदान करता है। किसानों को सहायता प्रदान करने के लिये सूखा-ग्रस्त राज्यों (महाराष्ट्र और राजस्थान) में उनकी कृषि को प्रोत्साहित किया जाता है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार ‘गहन बाजरा संवर्द्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल (INSIMP)’ के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल और मोटे अनाज के लिये MSP में वृद्धि उचित दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं। अवधारणाओं को परिवर्तित करने और पोषक तत्त्वों से भरपूर इन अनाज़ों को शामिल करने से एक स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।